Top bhairav kavach Secrets

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नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।

दुर्भिक्षे राजपीडायां ग्रामे वा वैरिमध्यके ।

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः







वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः

ನಾಗಂ ಘಣ್ಟಾಂ ಕಪಾಲಂ ಕರಸರಸಿರುಹೈರ್ವಿಭ್ರತಂ ಭೀಮದಂಷ್ಟ್ರಂ

मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई click here विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।



मालिनी पुत्रकःपातु पशूनश्यान् गजांस्तथा ।।

महाकालाय सम्प्रोच्य कूर्चं दत्वा च ठद्वयम् ।

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

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